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पिता जी उसे समझा रहे थे, ‘सीमा बेटी! अब तुम्हारी सगाई हो गई है।
अब इस तरह दोस्तों के साथ घूमने जाना, सिनेमा
देखना,
शॉपिंग करना ठीक नहीं है!’
वे उसे आगे कुछ समझाते कि सीमा ने
उन्हें बीच में ही रोकते हुए कहा, ‘पिता जी! आप भी न, 19वीं सदी
की बातें कर रहे हैं। हम नई पीढ़ी के लोग हैं। ऐसी पुरानी बातों में
वि श्वा स नहीं करते।’
अभी सीमा अपने पिता को ‘जेनरेशन गेप’ पर कुछ और लेक्चर
सुनाती कि उसके मोबाइल पर एक संदेश आ गया।
संदेश पढ़कर सीमा धम्म से ज़मीन पर बैठ गई।
‘क्या हुआ?’ सीमा के चेहर पर उड़ती हवाइयां देखकर
पिता जी ने पूछा तो सीमा ने अपना मोबाइल आगे कर दिया।
उसमें एक फोटो डला हुआ था और नीचे लि खा था,
‘सीमा! मैं इतना भी आधुनि क नहीं हुआ हूं कि अपनी होने वाली बीवी
को कि सी और के साथ सिनेमा देखते हुए बर् दाश्त कर पाऊं। इसलि ए
मैं तुम्हा रे साथ अपना यह रिश्ता तोड़ रहा हूं।’
यह संदेश पढ़कर पिता
जी के मुंह से नि कल गया, ‘बेटी! यह कौन-सा जेनरेशन गेप है, मैं
समझ नहीं पाया!’
शायद सीमा भी इस गैप को समझ नहीं पाई थी, इसलि ए सुबकती
हुई वहां से चली गई।
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